The best Side of hindi story
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गांव के लोग भी बिना डरे उस वृक्ष के नीचे जाने लगे।
उस दिन बड़े सवेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त
एक समय की बात है। एक अमीर जमींदार रहता था, उसके पास कई जमीनें थीं लेकिन वह कंजूस था। पैसे उधार देते समय वह बहुत सतर्क रहता था। इसलिए, गांव के किसान कभी भी उसकी जमीन पर खेती करने के लिए तैयार नहीं हुए। प्रत्येक बीतते दिन के साथ, ज़मींदार की ज़मीन अपनी जल धारण शक्ति खोने लगी और बंजर बन गई।
आज उसने अपना कवच नहीं पहना था। जिसके कारण काफी चोट जोर से लग रही थी।
अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा
एक दिन रूपा बगीचे में खेल रही थी। तभी उसके पास एक तितली आ कर बैठी। इसके पंखों में हीरे जड़े हुए थे। तभी तितली उड़ चली और रूपा उसका पीछा करते करते जंगल में निकल गयी। कुछ देर बाद रूपा को एहसास हुआ की वह भटक गयी है। तभी तेज़ तूफ़ान शुरू हो गया और रूपा रोने लगी। अचानक से रूपा के पीछे लगे पीपल के पेड़ की डाली आगे आयी और उसने रूपा उठा कर कहा की उसके रहते रूपा को डरने की कोई ज़रुरत नहीं है। जब तक तूफ़ान थम नहीं गया, पीपल के पेड़ ने रूपा को अपने अंदर छिपाये रखा। तब तक रूपा को ढूंढते हुए सैनिक आ गए और उसे अपने साथ महल वापस ले गए।
नीचे लिखी गयी सभी कहानियां शिक्षाप्रद होने के साथ पढ़ने में भी मजेदार है। हर एक कहानी आपको जीवन को सही तरीके से बीतने की शिक्षा देते हैं।
आंचलिक भाषा के आधुनिक कथा-स्थापत्य में संयोजन और प्रयोग ने इस कहानी को विरल होने का दर्जा दिया है.
ऐसा करते करते चुनमुन के बच्चे आसमान में उड़ने लगे थे।
अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल फटी-फटी आकृति खींचने लगी। सात नंबर कमरे से लड़कियों की बातचीत और हँसी-ठहाकों का स्वर अभी तक आ रहा था। लतिका ने दरवाज़ा खटखटाया। निर्मल वर्मा
जिसका काम उसी को साजे , शेर ने आदमी की नक़ल करनी चाही और परिणाम गलत साबित हुआ।
एक समय की बात है, एक हरे-भरे घास के मैदान में, अंजलि नाम की एक चींटी और वैभव नाम का एक टिड्डा रहता था। अंजलि एक मेहनती चींटी थी जो सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा करने में अपना दिन बिताती थी। और वही दूसरी ओर, वैभव ने अपना समय खेलने और गाने में बिताया, और इतनी मेहनत करने के लिए अंजलि का मज़ाक उड़ाया। “तुम इतनी मेहनत क्यों hindi story करती हो, अंजलि? आओ और आनंद लो!” वैभव ने कहा.
विमला खाना परोस रही थी। कमल बैठा पत्र लिख रहा था। वह सोचता था कि जब इसे समाप्त कर लूँगा, तब उठूँगा। देर ही क्या है, कुछ भी तो और अधिक नहीं लिखना है। बस, यही दो-तीन, हाँ दो ही पंक्तियाँ और लिखने को हैं कि फिर मैं हूँ और भोजन। और विमला मन-ही-मन झुँझला भगवतीप्रसाद वाजपेयी
मोरल – स्वयं की सतर्कता से बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।